बिहार टीचर्स सेल्फ सपोर्ट टीम (BTSST) के संचालन हेतु नियम एवं विनियम।
नियम संख्या 1: सदस्यता की पात्रता प्रावधान: बिहार टीचर्स सेल्फ सपोर्ट टीम (BTSST) में सदस्यता प्राप्त करने के लिए केवल बिहार राज्य के सरकारी विद्यालयों के अंतर्गत कार्यरत निम्नलिखित श्रेणियों के शिक्षक पात्र होंगे: 1. नियमित शिक्षक 2. विद्यालय अध्यापक 3. नियोजित शिक्षक 4. विशिष्ट शिक्षक 5. प्रधान शिक्षक 6. प्रधानाध्यापक 7. विशेष विद्यालय अध्यापक व्याख्या: उक्त किसी भी श्रेणी के शिक्षक BTSST की सदस्यता ग्रहण कर सकते हैं, बशर्ते कि वे BTSST के समस्त नियमों एवं शर्तों को स्वेच्छा से स्वीकार करते हों। यह सदस्यता पूर्णतः निःशुल्क है तथा इसमें किसी प्रकार का दबाव अथवा अनिवार्यता नहीं रहेगी। नियम संख्या 2: पंजीकरण एवं सूचना माध्यम से जुड़े दायित्व प्रावधान: BTSST से जुड़ने के लिए प्रत्येक इच्छुक शिक्षक को वेबसाइट https://bihartsst.com पर निर्धारित पंजीकरण फॉर्म को सही एवं पूर्ण जानकारी के साथ भरना अनिवार्य होगा। साथ ही, प्रत्येक सदस्य को BTSST के आधिकारिक टेलीग्राम समूह से अनिवार्य रूप से जुड़ना होगा, जहाँ पर समय-समय पर संगठन से संबंधित सहयोग, निर्णय, नियमों में संशोधन एवं अन्य महत्वपूर्ण सूचनाएँ साझा की जाती हैं। विशेष निर्देश: • टेलीग्राम समूह की गतिविधियों को सप्ताह में कम से कम दो बार देखना एवं अद्यतन रहना प्रत्येक सदस्य की जिम्मेदारी होगी। • यदि कोई सदस्य समूह को नियमित नहीं देखता है और किसी आवश्यक सूचना से वंचित रह जाता है, तो उसके लिए स्वयं वह उत्तरदायी होगा। • संगठन की ओर से अन्य सोशल मीडिया माध्यमों एवं जिला स्तरीय इकाइयों के माध्यम से भी सूचना प्रसारित करने का प्रयास किया जाएगा, किंतु यह अनिवार्य नहीं होगा। • SMS सुविधा प्रारंभ करने हेतु TRAI से अनुमति प्राप्त करने की प्रक्रिया प्रगति पर है ताकि महत्वपूर्ण सूचनाओं को सभी तक पहुँचाया जा सके। नियम संख्या 3: सहयोग का सिद्धांत एवं सदस्यता की स्वतंत्रता प्रावधान: BTSST का मूलभूत सिद्धांत है: "जो सहयोग करेगा, वही सहयोग का पात्र होगा।" संगठन में सदस्यता प्राप्त करना पूर्णतः निःशुल्क है। किसी भी शिक्षक से सदस्य बनने के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। साथ ही किसी भी शिक्षक को संगठन से जुड़ने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा। यह एक स्वेच्छिक सहभागिता पर आधारित मंच है। सहयोग की अनिवार्यता: • यद्यपि सदस्यता निःशुल्क है, परंतु जब किसी सदस्य का निधन होता है( ईश्वर न करें ऐसा किसी के साथ हो) , तो अन्य सदस्यों के लिए उस दिवंगत सदस्य के नामित उत्तराधिकारी (Nominee) को सहयोग राशि प्रदान करना अनिवार्य होगा। • यह सहयोग केवल उन्हीं सदस्यों को प्राप्त होगा जो स्वयं भी सहयोग करते हैं। सारांश: संगठन एक पारदर्शी एवं सहभागिता आधारित तंत्र के माध्यम से कार्य करता है, जहाँ "देने वाला ही पाने का अधिकारी" है। नियम संख्या 4: सहयोग राशि भेजने की अनिवार्यता एवं न्यूनतम योगदान प्रावधान: BTSST के प्रत्येक वैध सदस्य के लिए यह अनिवार्य होगा कि वह किसी भी वैधानिक सदस्य के निधन की स्थिति में, दिवंगत सदस्य के नामित व्यक्ति के खाते में घोषित न्यूनतम सहयोग राशि का भुगतान करे। वर्तमान में निर्धारित न्यूनतम राशि: ₹100 (सौ रुपये मात्र)। लक्ष्य: संगठन की दीर्घकालीन योजना अधिक से अधिक शिक्षकों को जोड़ने की है, ताकि सदस्य संख्या में वृद्धि के साथ-साथ यह न्यूनतम सहयोग राशि घटाई जा सके और सभी को कम राशि में अधिक सहयोग प्राप्त हो सके। अन्य निर्देश: • सहयोग एक सामूहिक भावना का प्रतीक है। • BTSST की इस प्रणाली में भागीदारी तभी सार्थक मानी जाएगी जब सभी सदस्य समय पर सहयोग करें। नियम संख्या 5: लॉक-इन अवधि एवं मृत्यु से संबंधित विशेष नियम प्रावधान: संगठन की पारदर्शिता एवं दुरुपयोग से बचाव के उद्देश्य से, सहयोग प्राप्ति हेतु सदस्य के पंजीकरण की तिथि से लेकर एक निश्चित अवधि तक लॉक-इन पीरियड लागू होगा। यह अवधि मृत्यु के कारण पर निर्भर करेगी। 5 (A) – आकस्मिक मृत्यु की स्थिति में लॉक-इन अवधि: • पंजीकरण की तिथि से 30 दिन की लॉक-इन अवधि लागू होगी। • उदाहरण: यदि कोई सदस्य 1 जनवरी को पंजीकृत हुआ और 30 जनवरी की रात तक उसकी मृत्यु होती है, तो उसे सहयोग राशि नहीं दी जाएगी। • यदि लॉक-इन अवधि में किसी सदस्य की आकस्मिक मृत्यु होती है, तो अन्य सदस्य चाहे तो मानवीय आधार पर सहयोग दे सकते है, परंतु लॉक-इन अवधि में मृत्यु होने पर उस सदस्य के नामित को दावा करने का अधिकार नहीं होगा। 5 (B) – गंभीर बीमारी से मृत्यु की स्थिति में लॉक-इन अवधि: • इस स्थिति में 2 वर्ष (24 महीने) की लॉक-इन अवधि लागू होगी। • यदि किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित व्यक्ति ने अपने प्रोफाइल में यह जानकारी छुपाई है, तो वह सहयोग राशि प्राप्त करने का पात्र नहीं होगा।गंभीर बीमारी से तात्पर्य इंडियन मेडिकल एसोसिएशन द्वारा सूचीबद्ध गंभीर बिमारियों से है। 5 (C) – प्रोफाइल अपडेट की बाध्यता: • गंभीर बीमारी के मामलों में, संबंधित विवरण का प्रोफाइल में अद्यतन अनिवार्य है। • छुपाये जाने पर टीम की जांच रिपोर्ट के आधार पर ही अंतिम निर्णय मान्य होगा; कोई कानूनी दावा स्वीकार नहीं किया जाएगा। 5 (D) – मृत्यु के कारण की प्राथमिकता: • यदि प्रोफाइल में गंभीर बीमारी अपडेट नहीं की गई है, लेकिन मृत्यु का कारण बीमारी है, तो उसे गंभीर बीमारी से मृत्यु माना जाएगा। • उदाहरण: यदि किसी सदस्य की किडनी खराब थी और उसकी मृत्यु सड़क दुर्घटना में हुई, तो लॉक-इन अवधि 30 दिन होगी। परंतु यदि मृत्यु बीमारी के इलाज के दौरान अगर हार्ट अटैक से ही हुई, तो भी वह गंभीर बीमारी की श्रेणी में गिने जाएंगे। 5 (E) – कोर टीम का विशेषाधिकार: • कोर टीम को अपने विवेक से लॉक-इन संबंधी मामलों में परीक्षण एवं अंतिम निर्णय लेने का अधिकार होगा। • कोई भी सदस्य या नामित कानूनी दावा नहीं कर सकता। 5 (F) – एक से अधिक नामितों की स्थिति: • कोर टीम के पास यह अधिकार सुरक्षित रहेगा कि वह विवाद की स्थिति में किसी एक नामित को प्राथमिकता दे या सहयोग राशि किसी अन्य योग्य लाभार्थी को स्थानांतरित करे। 5 (G) – सहयोग राशि गलत भेजना : • यदि किसी सदस्य द्वारा भूलवश किसी अन्य लाभार्थी के खाते में राशि भेज दी जाती है या अधिक राशि भेज दी जाती है तो प्रमाणित होने पर टीम उस राशि को वापस करवाने का प्रयास करेगी परंतु टीम इसकी गारंटी नहीं लेगी, केवल सहयोग करेगी। नियम संख्या 6: सहयोग प्राप्ति हेतु प्रक्रिया एवं फॉर्म भरने की अनिवार्यता प्रावधान: किसी भी वैधानिक सदस्य को TSST द्वारा सहयोग प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित प्रक्रिया का पालन अनिवार्य रूप से करना होगा: 1. लॉक-इन अवधि में एवं इसके पूर्ण होने के उपरांत, सदस्य को प्रत्येक सहयोग आह्वान के समय, घोषित न्यूनतम सहयोग राशि को नियमानुसार समय पर जमा करना होगा। 2. सहयोग राशि जमा करने के पश्चात, TSST द्वारा प्रदत्त गूगल फॉर्म या वेबसाइट फॉर्म को भरकर रसीद (Payment Proof) अपलोड करना अनिवार्य होगा। विशेष निर्देश: • बिना फॉर्म भरे सहयोग करने की स्थिति में, वह सहयोग मान्य नहीं होगा और सहयोग प्राप्त करने का दावा नहीं किया जा सकेगा। • यह प्रक्रिया संगठन की वैधानिकता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने हेतु आवश्यक है। नियम संख्या 7: सहयोग न करने की स्थिति में वैधानिकता की पुनः स्थापना प्रावधान: यदि कोई सदस्य सहयोग न कर पाए या सहयोग में निरंतरता भंग हो जाए, तो उसकी वैधानिक सदस्यता समाप्त मानी जाएगी। परंतु ऐसी स्थिति में निम्नलिखित उपनियमों के अंतर्गत उसे वैधानिकता पुनः प्राप्त करने का अवसर प्रदान किया जाएगा: 7 (A): 10 सहयोग से पूर्व एक बार चूक की स्थिति में • यदि कोई सदस्य लगातार सहयोग करता आ रहा है और 10 सहयोग पूरे होने से पूर्व एक बार चूकता है, तो उसकी वैधानिकता समाप्त मानी जाएगी। • परंतु उसे लगातार 3 सहयोग करके पुनः वैधानिक सदस्यता प्राप्त करने का एकमात्र अवसर प्रदान किया जाएगा। • ध्यान दें: केवल दो सहयोग से अधिक की चूक इस उपनियम के अंतर्गत नहीं आएगी; ऐसे में उपनियम 7 (B) लागू होगा। 7 (B): दो या अधिक सहयोग की चूक के बाद पुनः सक्रियता • यदि कोई सदस्य पंजीकरण के बाद सहयोग नहीं करता, या बीच में 2 या अधिक बार सहयोग चूकता है, तो उसे 5 सहयोग पूरा करने के बाद ही वैधानिक सदस्यता प्राप्त होगी। • साथ ही, ऐसी स्थिति में 3 माह का लॉक-इन पीरियड भी लागू होगा। 7 (C): पहले से निष्क्रिय सदस्यों हेतु पुनः अवसर • ऐसे सदस्य जो पहले कभी सहयोग नहीं कर पाए, उन्हें फिर से BTSST में शामिल होने का अवसर दिया जाएगा। • इसके लिए उन्हें लगातार 5 सहयोग करने होंगे और 3 माह का लॉक-इन पीरियड स्वीकार करना होगा। 3 माह के लॉक-इन पीरियड के दौरान अगर 5 सहयोग का अवसर नहीं मिलता है तो 3 माह के बाद भी जब तक 5 सहयोग पूरा नहीं होगा उसकी वैधानिक सदस्यता बहाल नहीं होगी। 7 (D): एक वर्ष में एक सहयोग छोड़ने की स्थिति में • यदि कोई सदस्य एक वर्ष में केवल एक बार सहयोग छोड़ता है, तो वह 3 माह का लॉक-इन पीरियड पूरा करके तथा छूटा हुआ सहयोग पूरा करके पुनः वैधानिक सदस्य हो सकता है। 7 (E): एक वर्ष में दो या अधिक बार सहयोग छोड़ने पर • ऐसी स्थिति में सदस्य को 5 माह का लॉक-इन पीरियड एवं छूटे हुए सभी सहयोग पूरे करने होंगे। 7 (F): 6 माह या उससे अधिक समय तक निष्क्रिय रहने पर • ऐसे सदस्य को वैधानिकता प्राप्त करने हेतु 5 माह का लॉक-इन पीरियड और सभी बकाया सहयोग करना अनिवार्य होगा। 7 (G): व्यक्तिगत कारणों से सहयोग न कर पाने की स्थिति में • किसी सदस्य द्वारा व्यक्तिगत व्यस्तता, पारिवारिक कारण, समारोह या अन्य परिस्थितियों के कारण सहयोग चूकने पर उसे सहयोग प्राप्ति का अधिकार प्राप्त नहीं होगा। • ऐसी स्थिति में केवल फिर से सहयोग करके और 90% सहयोग नियम के अनुसार ही वैधानिकता प्राप्त की जा सकती है। नियम संख्या 8: 90% सहयोग नियम एवं छूट की व्यवस्था प्रावधान: BTSST द्वारा एक ऐसी प्रणाली विकसित की गई है जिसमें यदि कोई सदस्य दीर्घकाल से सहयोग करता आ रहा हो, तो उसे न्यूनतम 90% सहयोग करने पर एक सहयोग चूक जाने की स्थिति में सहयोग प्राप्त करने की पात्रता बनी रहती है। मुख्य शर्तें: • जब कोई सदस्य कम से कम 10 सहयोग पूरे कर चुका हो, और उसके कुल सहयोग का औसत 90% या अधिक हो, तब: ◦ एक सहयोग न कर पाने की स्थिति में भी वह वैधानिक सदस्य बना रहेगा। ◦ उसे सहयोग प्रदान किया जाएगा, यदि वह पूर्व में समर्पणपूर्वक सहयोग करता आया है। 8 (A): प्रति वर्ष 1 छूट की व्यवस्था • 10 सहयोग पूरे होने के उपरांत, प्रत्येक वर्ष केवल एक सहयोग न कर पाने की स्थिति में सदस्य को केवल 1 बार छूट दी जाएगी। • यह छूट केवल तभी मान्य होगी जब पूर्व में सदस्य ने BTSST के प्रति अपनी निष्ठा स्पष्ट रूप से दिखाई हो। 8 (B): मृत्यु एवं सहयोग की समयावधि संबंधी छूट • यदि कोई सदस्य, जो पूर्व में नियमित सहयोग करता रहा है, सहयोग काल के दौरान बीमार होकर हॉस्पिटल में भर्ती हो जाता है अथवा आकस्मिक मृत्यु हो जाती है, तो सहयोग मान्य माना जाएगा। • परंतु यदि मृत्यु सहयोग काल समाप्त होने के बाद होती है और उस सहयोग में भाग नहीं लिया गया था, तो छूट नहीं दी जाएगी। विशेष निर्देश: • 90% नियम का लाभ केवल उन्हीं को मिलेगा जिनका सहयोग रिकॉर्ड दीर्घकालीन, सतत और पारदर्शी होगा। • यह छूट केवल शिक्षक की व्यक्तिगत असमर्थता जैसे बीमारी, दुर्घटना आदि पर लागू होगी। नियम संख्या 9: विवाद, एक से अधिक मृत्यु एवं निर्णय प्रक्रिया प्रावधान: • BTSST की कोर टीम को यह अधिकार प्राप्त है कि वह किसी भी विवादास्पद परिस्थिति, विशेषकर एक से अधिक शिक्षकों की मृत्यु, या किसी अन्य विवादास्पद मामले में उचित जांच कर निर्णय ले सके।आत्महत्या की स्तिथि में किसी भी प्रकार का सहयोग नहीं दिया जायेगा। 9 (A): एक ही तिथि पर एक से अधिक शिक्षकों की मृत्यु की स्थिति में • ऐसी परिस्थिति में, प्राथमिकता उस दिवंगत सदस्य को दी जाएगी: ◦ जिसके सहयोग का औसत (Average) अधिक रहा हो, ◦ अथवा जिसने अधिक संख्या में सहयोग किए हों। • शेष मामलों का निपटारा क्रमशः किया जाएगा। • यदि किसी तकनीकी या स्थल निरीक्षण संबंधी बाधा के कारण निर्णय प्रभावित हो, तो कोर टीम अपने विवेकानुसार क्रम निर्धारित कर सकती है। 9 (B): नामांकन (Nominee) से संबंधित विवाद • यदि किसी मृत सदस्य के नामित व्यक्ति को लेकर विवाद उत्पन्न होता है, तो कोर टीम उस विवाद की जांच कर निर्णय लेने हेतु पूर्ण रूप से स्वतंत्र होगी। • कोर टीम का निर्णय अंतिम एवं बाध्यकारी माना जाएगा। उद्देश्य: इन उपनियमों का उद्देश्य संगठन की पारदर्शिता, निष्पक्षता एवं सहयोग की भावना को अक्षुण्ण बनाए रखना है। नियम संख्या 10: नियमों से विचलन, अनुशासनहीनता एवं दंडात्मक प्रावधान प्रावधान: BTSST द्वारा निर्धारित सभी उपनियमों का पालन प्रत्येक सदस्य के लिए अनिवार्य है। उपनियमों से हटकर किसी भी स्थिति में न तो कोई सहयोग दिया जाएगा और न ही कोई अपवाद मान्य होगा। 10 (A): अनुशासनहीनता एवं नियमविरोधी गतिविधियाँ • यदि कोई सदस्य: ◦ BTSST विरोधी गतिविधियों में संलग्न पाया जाता है, ◦ अफवाह फैलाता है, या ◦ किसी प्रकार का राजनीतिक या द्वेषपूर्ण प्रचार करता है, तो कोर टीम को उसके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का पूर्ण अधिकार प्राप्त होगा। • ऐसे सदस्यों की वैधानिक सदस्यता समाप्त कर दी जाएगी तथा उन्हें सहयोग प्राप्त करने से वंचित किया जा सकता है। 10 (B): टेलीग्राम समूह से जुड़े दायित्व • BTSST का आधिकारिक सूचना माध्यम टेलीग्राम समूह है। • कोई भी सदस्य यदि वहाँ से जानकारी प्राप्त नहीं करता है, तो वह स्वयं इसके लिए उत्तरदायी होगा। 10 (C): हेल्पलाइन सहायता • सदस्य किसी भी समस्या अथवा शंका समाधान हेतु BTSST हेल्पलाइन से संपर्क कर सकते हैं और स्पष्ट उत्तर प्राप्त कर सकते हैं। 10 (D): नियमों में संशोधन • BTSST को समय-समय पर आवश्यकता अनुसार नियमों में संशोधन करने का पूर्ण अधिकार सुरक्षित रहेगा। 10 (E): न्यायिक दावे की निषेधता • चूँकि सहयोग राशि सीधे दिवंगत शिक्षक/शिक्षिका के नामित को अन्य सदस्यों द्वारा दी जाती है, अतः कोई भी सदस्य BTSST के विरुद्ध किसी न्यायिक दावा हेतु अधिकृत नहीं होगा। नियम संख्या 11: स्वैच्छिक सदस्यता एवं निष्क्रियता का अधिकार प्रावधान: BTSST की सदस्यता पूर्णतः स्वेच्छा पर आधारित है। संगठन किसी भी शिक्षक को सदस्य बनने के लिए न तो बाध्य करता है और न ही किसी प्रकार का दवाब देता है। मुख्य बिंदु: • सदस्य बनने से पूर्व, प्रत्येक व्यक्ति को BTSST के सभी नियम एवं शर्तें स्वीकार करनी होती हैं। • सदस्य बनने के उपरांत भी, यदि कोई शिक्षक स्वयं को संगठन से पृथक करना चाहता है, तो उसे यह स्वतंत्रता प्रदान की जाती है। • संगठन से पृथक होने के उपरांत, वह व्यक्ति BTSST की गतिविधियों, लाभ अथवा दायित्वों से पूर्णतः मुक्त माना जाएगा। उद्देश्य: यह उपनियम BTSST की लोकतांत्रिक और स्वतंत्र सोच को प्रकट करता है। नियम संख्या 12: सदस्यता शुल्क की निःशुल्कता एवं सहयोग की पात्रता प्रावधान: BTSST की सदस्यता हेतु किसी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाता है। यह संगठन पूर्णतः निःशुल्क पंजीकरण की प्रक्रिया के माध्यम से काम करता है। मुख्य बिंदु: • कोई भी शिक्षक BTSST के निर्धारित नियमों एवं शर्तों से सहमत होकर स्वेच्छा से पंजीकरण कर सकता है। • पंजीकरण के पश्चात वह शिक्षक संगठन का सदस्य कहलाएगा और निर्धारित सहयोग नियमों के अनुसार सहयोग करेगा। • सहयोग प्राप्त करने की पात्रता केवल उन्हीं सदस्यों को होगी जो संगठन के समस्त नियमों का पालन करते हुए सहयोग करते हैं। उद्देश्य: इस उपनियम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी शिक्षक वित्तीय कारणों से वंचित न रहे, और संगठन का आधार केवल सहयोग भावना हो। नियम संख्या 13: टेलीग्राम समूह से जुड़ने की अनिवार्यता प्रावधान: BTSST की सभी आधिकारिक सूचनाएँ, घोषणाएँ एवं संवाद मुख्य रूप से टेलीग्राम समूह के माध्यम से ही प्रसारित की जाती हैं। अतः संगठन से जुड़ने के उपरांत प्रत्येक सदस्य के लिए टेलीग्राम समूह से जुड़ना अनिवार्य होगा। मुख्य निर्देश: • टेलीग्राम समूह में सक्रिय रहना, सूचनाओं को नियमित रूप से देखना, और आवश्यकतानुसार प्रतिक्रिया देना प्रत्येक सदस्य की जिम्मेदारी होगी। • अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म या वैकल्पिक माध्यमों से सूचनाएँ दी जा सकती हैं, परंतु उनका उपयोग सहायक माध्यम के रूप में किया जाएगा, न कि अनिवार्य रूप से। उद्देश्य: इस उपनियम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी सदस्य संगठन की प्रत्येक गतिविधि एवं सूचना से अद्यतन रहें और समय पर सहयोग कर सकें। नियम संख्या 14: कूटचित (फर्जी) रसीद एवं नियमविरोधी कृत्यों पर दंड प्रावधान: यदि कोई सदस्य सहयोग के दौरान जानबूझकर कूटरचित रसीद, फर्जी दस्तावेज़, या BTSST के विरोधाभासी कार्य करता है, तो उसके विरुद्ध कोर टीम द्वारा कठोर कार्रवाई की जाएगी। दंडात्मक प्रावधान: • ऐसे सदस्य की वैधानिक सदस्यता तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी जाएगी। • उसे किसी भी प्रकार के लाभ से वंचित कर दिया जाएगा, चाहे वह पूर्व में कितने भी सहयोग कर चुका हो। • संगठन के विरुद्ध किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी, गलत सूचना या प्रक्रिया में हेरफेर का प्रयास गंभीर दंडनीय अपराध की श्रेणी में आएगा। उद्देश्य: यह उपनियम संगठन की पारदर्शिता और विश्वसनीयता बनाए रखने हेतु अत्यंत आवश्यक है। नियम संख्या 15: ऐच्छिक प्रशासनिक शुल्क एवं उसके उपयोग प्रावधान: BTSST में किसी भी सदस्य के लिए प्रशासनिक शुल्क (Administrative Fee) ऐच्छिक (Optional) है। इच्छुक सदस्य संगठन के खाते में प्रतिवर्ष ₹30/- (तीस रुपये मात्र) जमा कर सकते हैं। प्रशासनिक शुल्क का उपयोग निम्नलिखित कार्यों में किया जाएगा: • वेबसाइट के निर्माण एवं संचालन हेतु • मोबाइल ऐप के विकास एवं रख-रखाव हेतु • SMS सुविधा प्रदान करने हेतु (TRAI से अनुमति प्राप्त होने पर) • कार्यालय एवं तकनीकी सहायता प्रणाली बनाए रखने हेतु • स्थलीय निरीक्षण, सत्यापन और जांच हेतु • BTSST से अधिक से अधिक शिक्षकों को जोड़ने हेतु प्रचार अभियान हेतु • तकनीकी संसाधनों के उन्नयन हेतु, जिससे कार्यप्रणाली पारदर्शी एवं आसान बनी रहे संशोधन का अधिकार: भविष्य की आवश्यकताओं के अनुसार, BTSST को इस उपनियम या प्रशासनिक शुल्क की प्रकृति में संशोधन करने का अधिकार होगा। किसी भी विवादास्पद स्थिति में निर्णय का अधिकार कोर टीम के पास सुरक्षित रहेगा। नियम संख्या 16: सहयोग के बदले अधिकार की सीमा एवं गंभीर बीमारी की स्थिति में प्रावधान प्रावधान (1): सहयोग का कानूनी दावा नहीं • BTSST में प्रत्येक सदस्य द्वारा दिया गया सहयोग, सीधे दिवंगत शिक्षक/शिक्षिका के नामित व्यक्ति (Nominee) को हस्तांतरित किया जाता है। • चूँकि यह सहयोग पूर्णतः स्वैच्छिक एवं सदस्य-सदस्य के बीच होता है, अतः सहयोग के बदले कोई कानूनी अधिकार नहीं बनता। • सहयोग के न आने, कम आने या विलंबित आने की स्थिति में संगठन उत्तरदायी नहीं होगा, क्योंकि BTSST केवल आह्वानकर्ता (Appealer) की भूमिका में होती है। नियम संख्या 17: हृदय संबंधित मृत्यु—हार्ट अटैक बनाम कार्डियक अरेस्ट प्रावधान: BTSST में गंभीर बीमारी के दौरान होने वाली मृत्यु की जांच करते समय यह आवश्यक है कि मृत्यु का कारण स्पष्ट एवं चिकित्सकीय रूप से प्रमाणित हो। विशेषकर: हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट में भेद: • हार्ट अटैक (Heart Attack) एवं कार्डियक अरेस्ट (Cardiac Arrest) दो भिन्न प्रकार की स्थितियाँ हैं। • यदि किसी सदस्य की मृत्यु किसी गंभीर बीमारी के इलाज के दौरान कार्डियक अरेस्ट से होती है, तो उसे हार्ट अटैक की श्रेणी में नहीं माना जाएगा। • इस स्थिति में, यह माना जाएगा कि मृत्यु गंभीर बीमारी के कारण हुई है, और उस पर गंभीर बीमारी हेतु लागू नियम (जैसे लॉक-इन अवधि) ही प्रभावी होंगे। निर्णय का आधार: ऐसे मामलों में BTSST की कोर टीम उपलब्ध चिकित्सा प्रमाणों एवं परिस्थितियों के आधार पर निर्णय लेगी। निर्णय संवेदनशीलता, पारदर्शिता और चिकित्सा साक्ष्य पर आधारित होगा। नियम संख्या 18: अन्य समान प्रकृति टीमों में पदाधिकारिता एवं प्रचार-प्रसार के प्रभाव प्रावधान: BTSST की सदस्यता बनाए रखने हेतु यह आवश्यक है कि कोई भी सदस्य BTSST के समान प्रकृति वाली अन्य टीम या मंच में पदाधिकारी के रूप में सक्रिय न हो। मुख्य निर्देश: • यदि कोई BTSST सदस्य किसी अन्य वैकल्पिक शिक्षक सहायता समूह/टीम में पदाधिकारी (जैसे अध्यक्ष, सचिव, संयोजक आदि) होता है, तो उसकी BTSST सदस्यता स्वतः समाप्त मानी जाएगी। • ऐसा सदस्य पूर्व में किए गए सहयोगों के आधार पर भी किसी प्रकार का लाभ या दावा नहीं कर सकेगा। अन्य प्रावधान: • कोई भी शिक्षक किसी अन्य वैकल्पिक शिक्षक सहायता समूह/टीम का सदस्य हो सकता है, परंतु दोहरी पदाधिकारिता BTSST के मूल सिद्धांतों के विरुद्ध मानी जाएगी। • यदि कोई व्यक्ति BTSST या इसके पदाधिकारियों के विरुद्ध दुष्प्रचार, अफवाह, या अनुचित व्यवहार करता है, तो: ◦ BTSST को उसकी सदस्यता समाप्त करने का अधिकार होगा। ◦ आवश्यक होने पर कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है। उद्देश्य: यह उपनियम BTSST की संस्थागत अखंडता, गरिमा और पारदर्शी संचालन को सुरक्षित रखने हेतु बनाया गया है। उपनियम संख्या 19: हेल्पलाइन सुविधा एवं संवाद माध्यम प्रावधान: BTSST ने सदस्यों की सहायता, जानकारी साझा करने और संवाद स्थापित करने हेतु एक आधिकारिक हेल्पलाइन नंबर जारी किया है: BTSST हेल्पलाइन नंबर: 9097638777 सुविधाएँ: • कोई भी BTSST सदस्य उपरोक्त हेल्पलाइन नंबर पर कॉल या व्हाट्सएप के माध्यम से संपर्क कर सकता है। • हेल्पलाइन के माध्यम से: ◦ नियमों से संबंधित स्पष्टीकरण, ◦ सहयोग प्रक्रिया से जुड़े निर्देश, ◦ पंजीकरण या तकनीकी सहायता, ◦ अन्य संगठनात्मक जानकारी प्राप्त की जा सकती है। उद्देश्य: यह सुविधा संगठन और सदस्यों के बीच पारदर्शी एवं सतत संवाद सुनिश्चित करने हेतु स्थापित की गई है। नियम संख्या 20: अन्य शिक्षकों के संगठनों में पदाधिकारिता एवं BTSST सदस्यता पर प्रभाव प्रावधान: BTSST इस बात को लेकर स्पष्ट है कि उसके सदस्य किसी अन्य शिक्षक संघ या संगठन के पदाधिकारियों के रूप में सक्रिय होने की स्थिति में BTSST की वैधानिक सदस्यता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा लेकिन समान प्रकृति के टीम या संगठन में पदाधिकरी बनने पर सदस्य्ता समाप्त की जायेगी । मुख्य निर्देश: • कोई भी शिक्षक अन्य संगठनों के साधारण सदस्य या किसी संघ या मंच का पदाधिकारी बनता है (जैसे जिलाध्यक्ष, संयोजक, राज्य सचिव आदि)तो उसके BTSST की वैधानिक सदस्यता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा किन्तु कोई भी सदस्य BTSST के समान प्रकृति वाली अन्य वैकल्पिक शिक्षक सहायता समूह/टीम में पदाधिकारी (जैसे अध्यक्ष, सचिव, संयोजक आदि) होता है, तो उसकी TSST सदस्यता स्वतः समाप्त मानी जाएगी। नियम संख्या 21: नियमों की प्रमाणिकता एवं अंतिम मान्यता प्रावधान: BTSST द्वारा समय-समय पर बनाए गए या संशोधित किए गए सभी नियमों की अंतिम और आधिकारिक प्रति केवल संगठन की अधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड की गई नियमावली ही मानी जाएगी। मुख्य निर्देश: • किसी भी निर्णय, विवाद या प्रक्रिया के संदर्भ में यदि नियमों की व्याख्या आवश्यक हो, तो वेबसाइट पर उपलब्ध नियमावली की प्रति ही मान्य और अंतिम मानी जाएगी। • अन्य माध्यमों (प्रिंट, मैसेज, ऑडियो/वीडियो स्पष्टीकरण आदि) पर प्राप्त जानकारी केवल सहायक व्याख्या के रूप में ग्रहण की जाएगी, प्रमाणिक नहीं। उद्देश्य: इस उपनियम का उद्देश्य संगठन की नियम व्यवस्था में स्पष्टता, एकरूपता और औपचारिकता बनाए रखना है। समापन वचन: TSST की यह नियमावली संगठन की पारदर्शिता, निष्पक्षता, और सहयोग की भावना को बनाए रखने हेतु बनाई गई है। प्रत्येक सदस्य से अपेक्षा है कि वह इन नियमों का पूर्ण सम्मान करेगा और संगठन के उद्देश्यों को प्राप्त करने में सहयोग करेगा। सादर आलोक श्रीवास्तव संस्थापक एवं अध्यक्ष बिहार टीचर्स सेल्फ सपोर्ट टीम (BTSST) मोबाइल नंबर -9097638777
सादर,
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